The history of India itself contains many unique things. The land of India has been the proof of how many scholars and mystics have flourished and enriched the civilizations here. Emperor Vikramaditya was one of those few great kings. The reign of Mart Vikramaditya was known as the golden age of literature and art. There were 9 such scholars in his own court who are also known as 9 gems of Emperor Vikramaditya.
भारत का इतिहास अपने आप में कई अनूठी बातों को समेटे हुए है। भारत के धरती इस बात का प्रमाण रही है, कि यहां कितने विद्वानों और मनीषियों ने यहां की सभ्यताओं को पल्लवित और समृद्ध किया है। उन्हीं कुछ महान राजाओं में से एक थे सम्राट विक्रमादित्य। म्राट विक्रमादित्य के शासनकाल को साहित्य और कला के स्वर्णयुग के तौर पर जाना जाता था। इसके पीछे कारण ये था, कि वे खुद ज्ञान और कला को खूब बढ़ावा दिया करते थे। उनके अपने दरबार में 9 ऐसे विद्वान थे जिन्हें सम्राट विक्रमादित्य के 9 रत्नों के तौर पर भी जाना जाता है।
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